NEET मैं कैसे दूसरे Attempt मैं किए 634 अंक प्राप्त किए और लिया अच्छे कॉलेज मैं Admission
अदिति प्रिया : नई दिल्ली के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंस (University of Medical Science) से कर रही है MBBS की तैयारी। अदिति ने पहले प्रयास में NEET में केवल 427 नंबर ही हासिल कर पाई थी। जिस वजह से NEET में उनका Selection नहीं हो पाया था। फिर उन्होंने कड़ी मेहनत करके अपने दूसरे अटेम्प्ट में NEET मैं 634 नंबर हासिल किए।
NEET(2024): लगभग हर साल डॉक्टर बनने का सपना लिए लाखों बच्चे NEET और AIIMS जैसी मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। जिसमें से केवल कुछ का ही सिलेक्शन हो पता है जैसे की AIIMS के टोटल 20 कॉलेज में केवल 2044 ही सिलेक्शन ले पाते हैं जिसमें DELHI AIIMS मैं 125 एडमिशन होते हैं और बाकी के स्टूडेंट को दूसरे AIIMS में एडमिशन मिलता है। वही NEET मैं 2024 में लगभग 75000 सीटों पर एडमिशन लिया जाएगा जिसमें से लगभग 41 000 सीटों पर गवर्नमेंट कॉलेज एडमिशन दिया जाता है।
ऐसे में अगर 2024 में 21 से 22 लाख स्टूडेंट अगर फॉर्म भरते हैं तो इतनी कम SEAT के रहते सिलेक्शन नहीं ले पाते हैं तो स्थिति यह रहती है की हर साल बहुत सारे बच्चे अपना ईयर ड्रॉप आउट करते हैं और फिर अगले साल के लिए दूसरे अटेम्प्ट में सिलेक्शन पक्का करने के लिए फिर से तैयारी में जुट जाते हैं और कुछ लोग दूसरे देशों में एमबीबीएस बनने का रास्ता ढूंढते हैं। और बहुत से स्टूडेंट मेडिकल से संबंधित दूसरे कोर्स करने लगते हैं।
ऐसे में अदिति प्रिया ने अपने हौसलों को मजबूत बनाते हुए अपने दूसरे अटेम्प्ट में NEET का एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई कर एमबीबीएस के लिए अपनी सीट पक्की की। प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद अदिति प्रिया ने अपनी स्टोरी शेर की इसमें उन्होंने बताया की कैसे उन्होंने अपने पहले ईयर में अपने आप को ड्रॉप आउट पाया फिर कड़ी मेहनत के बाद एमबीबीएस के लिए अपनी सीट पक्की की।
आपको बता दें की अदिति ने अपने पहले अटेम्प्ट में केवल 427 नंबर ही हासिल किए थे जिससे उनका 1 साल ड्रॉप आउट हो गया और दूसरी साल कड़ी मेहनत करके उन्होंने दूसरे अटेम्प्ट में 634 नंबर हासिल कर दिल्ली के प्रसिद्ध कॉलेज की एमबीबीएस सीट को अपने नाम किया।
एक प्लेटफार्म पर उन्होंने यह बताया की ” वह हमेशा अपने दादाजी की तरह ही डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन डॉक्टर बनने का यह सपना बिल्कुल भी आसान नहीं था क्योंकि अपने देश के प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला लेने के लिए AIIMS और NEET जैसे एंट्रेंस एग्जाम को क्वालीफाई करना होता है उसके बाद ही भारत के बड़े कॉलेज में दाखिला मिल पाता है।
अदिति प्रिया ने अपनी कहानी को शेयर करते हुए बताया है कि उन्होंने दसवीं क्लास की परीक्षा के समाप्त होने के तुरंत बाद से NEET (एमबीबीएस के लिए जो एंट्रेंस एग्जाम होते हैं) उनकी तैयारी करना शुरू कर दी थी और मेडिकल की तैयारी के समय ही उन्होंने अपनी 12 कक्षा पास की फिर अपना फर्स्ट अटेंप्ट दिया था जिसमें उन्हें निराशा हाथ लगी फिर उन्होंने दोबारा मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी की और अपने दूसरे प्रयास में सफलता हासिल की।
उन्होंने अपनी सफलता की कहानी में बताया कि कैसे उन्होंने तैयारी के समय सभी सब्जेक्ट के छोटे-छोटे बनाकर उनको बार-बार रिवाइज करके कैसे अपने अंकों में इजाफा किया। उन्होंने यह भी बताया की वह इंपॉर्टेंट पॉइंट्स को लिख लेते थे और बाद में उन्हें दोहराते थे ऐसे छोटे-छोटे उन्होंने अपने अंको में सुधार किया।
उन्होंने यह भी बताया की सबसे पहले उन्होंने एनसीईआरटी(NCERT) की किताबों पर ज्यादा ध्यान दिया और उन्हें बहुत ही अच्छे से और बार-बार पढ़ा का सिलेबस पूरा होने के बाद उन्होंने ऑनलाइन एक्जाम और मॉक(MOCK) टेस्ट पर भी ध्यान दिया। और उन्होंने यह भी बताया कि ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन मॉक टेस्ट देना जरूरी है क्योंकि नीट का पेपर ऑफलाइन ही होता है। अदिति प्रिया ने अपने लिए एक मिस्टेक बुक भी बनाई थी जिसमें वह मॉक टेस्ट में होने वाली छोटी-छोटी गलतियों को लिखकर उनको सुधारने का प्रयास करती नहीं और यह सुनिश्चित करती थी की वह एक गलती को बार-बार ना दोहराएं।
अदिति प्रिया ने अपने इंटरव्यू में लास्ट में कहा” हम कौन सी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता- बस हमें अपना ध्यान अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित करना महत्वपूर्ण रहता है आपको रास्ते में ऐसे बहुत से लोग मिलेंगे जो आपका ध्यान आपके लक्ष्य से भटका देंगे लेकिन अगर आप अपने लक्ष्य से नहीं भटकते हो और अपने गलतियों को सुधारते हुए आगे बढ़ते हो तो आप भी इसमें अपना सिलेक्शन पा सकते हो।